आइए, हम प्रार्थना करें कि धर्मसमाजी पुरुष और महिलाएँ, और सेमिनरी छात्र, मानवीय, प्रेरितिक, आध्यात्मिक और सामुदायिक प्रशिक्षण के माध्यम से अपने बुलाहटीय जीवन की यात्रा में आगे बढ़ सकें, जो उन्हें सुसमाचार के विश्वसनीय गवाह बनने की ओर ले जाए।
Pope Francis – MAY 2024
प्रत्येक बुलाहट एक “कच्चा हीरा” है जिसे हर तरफ से निखारने, तराशने और आकार देने की आवश्यकता होती है।
एक अच्छे पुरोहित, धर्मबहन या नन को सबसे पहले एक पुरुष, एक महिला होना चाहिए जो ईश्वर की कृपा से प्रशिक्षित होता और आकार पाता है, जो अपनी सीमाओं से अवगत होता, और प्रार्थनामय जीवन जीने का इच्छुक, सुसमाचार का समर्पित गवाह होता है।
सेमिनरी और नवशिष्यालय से शुरू करके, उनकी तैयारी को समग्र रूप से विकसित किया जाना चाहिए, अन्य लोगों के जीवन के सीधे संपर्क के माध्यम से। यह जरूरी है।
प्रशिक्षण एक निश्चित समय में समाप्त नहीं हो जाता, लेकिन जीवनभर चलता रहता है, व्यक्ति को बौद्धिक, मानवीय, स्नेहपूर्ण, आध्यात्मिक रूप से एकीकृत करते हुए।
समुदाय में रहने की भी तैयारी है – समुदाय में जीवन बहुत समृद्ध है, भले ही यह कभी-कभी कठिन हो सकता है। एक साथ रहना समुदाय में रहने के समान नहीं है।
आइए, हम प्रार्थना करें कि धर्मसमाजी पुरुष और महिलाएँ, और सेमिनरी छात्र, मानवीय, प्रेरितिक, आध्यात्मिक और सामुदायिक प्रशिक्षण के माध्यम से अपने बुलाहटीय जीवन की यात्रा में आगे बढ़ सकें, जो उन्हें सुसमाचार के विश्वसनीय गवाह बनने की ओर ले जाए।
Credits
Campaign title:
The Pope Video – MAY | For the formation of men and women religious, and seminarians